वर्तमान समय कलयुग का समय चल रहा है और ऐसे कलयुग के चार जाग्रत देवता( Kalyug Ke 4 Jagrat Devta) हैं जो तुरंत अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं | कलयुग से पहले जब भी कोई व्यक्ति भगवान की पूजा और साधना करता था तो जिस किसी भी देवता की तपस्या की जाती थी वह साक्षात प्रकट होकर के अपने भक्त को दर्शन देकरके वरदान दिया करते थे ,मगर कलयुग में ऐसा नहीं होता है | कलयुग में सभी देवी-देवता समय के साथ-साथ अपने विग्रह रूप में प्रकट होकर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित हुए और अब वर्तमान समय में देवी-देवताओं की मूर्तियां या प्रतिमा स्थापित की जाती हैं | कलयुग अपने चरम सीमा पर है परंतु ऐसा नहीं है कि कलयुग में धर्म का नाश हो गया है या लोग नास्तिक हो गए हैं ,बस आराधना और तपस्या का तरीका बदल गया है |अब देवी-देवताओं की कृपा पाने के लिए लोग पहले जितनी तपस्या नहीं करते हैं | कलयुग में कुछ देवता ऐसे हैं जो खास करके कलयुग के देवता कहलाते हैं और अपने भक्तों के सभी दुख-कष्टों को तुरंत ही दूर कर देते हैं ,तो आईए जानते हैं कलयुग में उन चार जागृत देवी-देवताओं के बारे में जो तुरंत ही आपकी पुकार सुनते हैं और आपकी मनोकामनाओं को पूर्ण भी कर देते हैं –
जाग्रत देवता 1-श्री हनुमान भगवान जी (Shree Hanuman Bhagwan Ji)-
श्री हनुमान भगवान जी (Shree Hanuman Bhagwan Ji) कलयुग में सबसे अधिक उपास्य देवता हैं ,ये कलयुग के जाग्रत देवता हैं | ऐसा कोई गांव या शहर नहीं होगा जहां पर भगवान श्री हनुमान जी का मंदिर ना हो या श्री हनुमान भगवान जी का कोई भक्त ना हो | कहते हैं कि श्री सीता माता जी (Shree Sita Mata Ji) के वरदान के कारण वह आज भी धरती पर साक्षात मौजूद हैं | श्री हनुमान भगवान जी परम शक्तिशाली हैं बल बुद्धि विद्या तीनों को देने वाले हैं | कलयुग में मात्र श्री हनुमान भगवान जी के स्मरण मात्र से सभी दुख संकट दूर हो जाते हैं इसीलिए श्री हनुमान भगवान जी (Shree Hanuman Bhagwan Ji) को संकट मोचन कहा जाता है | भगवान श्री हनुमान (Shree Hanuman) ,भगवान श्री शिव (Shree Shiv) के 11 वें रुद्र अवतार माने जाते हैं और यह सभी प्रकार से सर्वगुण संपन्न हैं | मंगलवार का दिन भगवान श्री हनुमान जी की पूजा और आराधना का खास दिन माना गया है | श्री हनुमान भगवान जी को लाल वस्त्र ,लाल चंदन, लाल पुष्प ,सिंदूर का लेपन और लाल रंग का मिष्ठान्न प्रिय होता है I इन वस्तुओं को अर्पित करने से वे अति शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं | श्री हनुमान भगवान जी को श्री राम भगवान जी (Shree Ram Bhagwan Ji) का नाम बहुत ही प्रिय होता है I जब भी श्री हनुमान भगवानजी के दर्शन करें, सबसे पहले उनके सामने राम-राम जरूर बोलना चाहिए उसके बाद श्री हनुमान चालीसा(Shree Hanuman Chalisa), श्री हनुमत कवच (Shree Hanumat Kavach) ,श्री बजरंग बाण (Shree Bajrang Baan) आदि का पाठ करने से श्री हनुमान भगवान जी अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं I श्री हनुमान भगवान जी की आराधना करने वालों को शुद्धता ,ब्रह्मचर्य और पवित्रता का पालन अवश्य करना चाहिए |
जाग्रत देवता 2-श्री काल भैरव बाबा जी (Shree Kaal Bhairav Baba Ji)-
श्री हनुमान भगवान जी (Shree Hanuman Bhagwan Ji) की तरह ही श्री काल भैरव बाबा जी (Shree Kaal Bhairav Baba Ji) भी श्री शंकर भगवान जी के अवतार हैं श्री काल भैरव बाबा जी (Shree Kaal Bhairav Baba Ji) भी कलयुग में अपने भक्तों की तुरंत सुनने वाले देवता हैं I इन्हे कलयुग के जाग्रत देवता के रूप में पूजा जाता है | श्री भैरव बाबा जी का स्वरूप बड़ा ही अनोखा होता है | श्री बाबा जी के चार हाथ हैं | एक हाथ में श्री ब्रह्मा जी का कटा हुआ सिर है और अन्य तीनों हाथों में त्रिशूल, डमरू और खप्पर लिए हुए हैं | श्री काल भैरव बाबा जी (Shree Kaal Bhairav Baba Ji) श्री शंकर भगवानजी के रूद्र अवतार हैं | उनके इस रूप से लोगों को डर भी लगता है लेकिन बाबा श्री भैरव बहुत ही दयालु और जनकल्याण करने वाले देवता हैं | धर्म शास्त्रों के अनुसार श्री काल भैरव बाबा जी की उपासना कलयुग में शीघ्र फल को देने वाली होती है | बाबा श्री काल भैरव जी के दर्शन मात्र से श्री शनि और श्री राहु जी ग्रहों का प्रभाव समाप्त होने लगता है | श्री काल भैरव बाबा जी (Shree Kaal Bhairav Baba Ji) की तामसिक ,सात्विक और राजसिक तीनों विधियों से पूजा-उपासना की जाती है | बाबा श्री भैरव जी की पूजा में उड़द और उड़द से बनी वस्तुएं जैसे इमरती दही बड़े आदि शामिल किए जाते हैं | बाबा श्री भैरव जी को चमेली के पुष्प विशेष रूप से प्रिय होते हैं | कलयुग में लोग स्वर्णाकर्षण भैरव बाबा की साधना कर रहे हैं | स्वर्णाकर्षण भैरव बाबा जी का सात्विक स्वरूप कहलाता है इनकी पूजा साधना धन प्राप्ति के लिए की जाती है | श्री काल भैरव बाबा जी (Shree Kaal Bhairav Baba Ji) के सात्विक रूप को दूध और मेवा अर्पित किया जाता है | श्री काल भैरव बाबा जी (Shree Kaal Bhairav Baba Ji) को रात्रि का देवता माना गया है इसी कारण से श्री काल भैरव बाबा जी (Shree Kaal Bhairav Baba Ji) की पूजा आराधना रात्रि में 12:00 से 3:00 बजे के बीच की जाती है, उनकी वहां उपस्थिति का अनुभव गन्ध के द्वारा होता है | बाबा श्री भैरव जी की सवारी कुत्ता होता है | बाबा श्री काल भैरव जी की आराधना में विशेष ध्यान रखने की आवश्यकता होती है | देवी श्री महाकाली(Shree Mahakali), श्री काल भैरव (Shree Kaal Bhairav)और श्री शनि देव (Shree Shani Dev) यह तीनों ही देव बहुत ही कड़क ,क्रोधी और कड़क दंड देने वाले माने जाते हैं | यह तीनों ही देवी-देवता धर्म की रक्षा के लिए नियुक्त किए गए हैं लेकिन यह तीनों ही देवगढ़ अपने उपासक और साधकों की मनोकामनाएं भी तुरंत पूर्ण कर देते हैं | धर्मशास्त्र में ऐसा बताया है कि 40 दिनों तक लगातार श्री काल भैरव बाबा जी (Shree Kaal Bhairav Baba Ji) के दर्शन करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं ,इसे चालीसा कहते हैं | चंद्रमा के 28 दिन और 12 राशियों को जोड़कर यह 40 बने हुए हैं |
जाग्रत देवता 3-श्री खाटू श्याम बाबा जी (Shree Khatu Shyam Baba Ji )-
हिंदू धर्म के अनुसार श्री खाटू श्याम बाबा जी (Shree Khatu Shyam Baba Ji ) ने श्री कृष्ण भगवान जी से यह वरदान प्राप्त किया था कि वह कलयुग में उनके नाम श्री श्याम से पूजे जाएंगे इसीलिए श्री खाटू श्याम बाबा जी (Shree Khatu Shyam Baba Ji ) को कलयुग के अवतारी देवता कहा जाता है | इन्हे कलयुग का जाग्रत देवता कहा जाता है | श्री कृष्ण भगवान जी, श्री बर्बरीक जी के महान बलिदान से अत्यन्त प्रसन्न हुए और उन्हें वरदान दिया कि जैसे-जैसे कलयुग का अवतरण होगा तुम श्याम के नाम से पूजे जाओगे, कलयुग में जो भी श्याम नाम से तुम्हें पूजेंगे ऐसे भक्तों का केवल तुम्हारे नाम मात्र के उच्चारण से ही कष्ट दूर हो जाएगा | जो भी भक्त श्री खाटू श्याम जी जाकर श्री खाटू श्याम बाबा जी (Shree Khatu Shyam Baba Ji ) के शीश का दर्शन करता है उसकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं | श्री खाटू श्याम बाबा जी (Shree Khatu Shyam Baba Ji ) का प्रसिद्ध चमत्कारिक मंदिर राजस्थान के सीकर जिले में स्थित है ,जहां करोड़ों की संख्या में भक्त श्री श्याम बाबा के दर्शन के लिए जाते हैं | एकादशी और द्वादशी का दिन श्री खाटू श्याम बाबा जी (Shree Khatu Shyam Baba Ji ) की आराधना के लिए खास दिन माना जाता है | फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की द्वादशी को श्री खाटू में एक विशाल मेला होता है | पूरी दुनिया में लोगों ने श्री खाटू श्याम बाबा जी (Shree Khatu Shyam Baba Ji ) के चमत्कारों को महसूस किया है |
जाग्रत देवता 4-श्री शनि भगवान जी (Shree Shani Bhagwan Ji)-
श्री शनि भगवान जी (Shree Shani Bhagwanji Ji) को न्याय का देवता कहा जाता है | ये कलयुग के जाग्रत देवता माने जाते हैं | श्री शनि भगवान जी (Shree Shani Bhagwanji Ji) न्यायाधीश दंडाधिकारी की भूमिका निभाते हैं | श्री शनि भगवान जी (Shree Shani Bhagwanji Ji) को सेवा और कर्म के कारक ग्रह माना जाता है | कलयुग में श्री शनि भगवान जी (Shree Shani Bhagwanji Ji) को न्यायाधीश कहा गया है | यह श्री शनि भगवान जी (Shree Shani Bhagwanji Ji) का कार्य है कि वह इस संसार के सभी प्राणियों को उनके किए गए कर्मों के अनुसार फल प्रदान करें, अच्छे कर्म का अच्छा फल और बुरे कर्म का बुरा फल देने के लिए ही उन्हें कलयुग में नियुक्त किया गया है | पौराणिक मान्यताओं के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या के दिन श्री शनि भगवान जी (Shree Shani Bhagwanji Ji) का जन्मदिन होता है इसीलिए ज्येष्ठ अमावस्या को श्री शनि जयंती के रूप में मनाया जाता है ,इस दिन श्री शनि भगवान जी (Shree Shani Bhagwanji Ji) की पूजा-अर्चना करके उनको प्रसन्न किया जाता है | श्री शनि भगवान जी (Shree Shani Bhagwanji Ji) भी अच्छे कर्म करने वाले सभी का सम्मान और गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने वाले लोगों से शीघ्र प्रसन्न होते हैं | श्री शनि भगवान जी (Shree Shani Bhagwanji Ji) का दिन शनिवार है ,शनिवार के दिन इन्हें तिल और तेल चढ़ाने से यह प्रसन्न होते हैं | श्री शनि भगवान जी (Shree Shani Bhagwanji Ji) को काला रंग पसंद होता है | श्री शनि भगवान जी (Shree Shani Bhagwanji Ji) को प्रसन्न करने के लिए काले वस्त्र धारण करने चाहिए ,काली ही चीजों का दान करना चाहिए इससे अनंत गुना फलों की प्राप्ति होती है और भगवान श्री शनि जी की कृपा मिलती है |