श्री नीम करोली बाबा जी के चमत्कार की कथाओं (Shree Neem Karoli Baba Ji Ke Chamatkar Ki Kathaon) में कथा संख्या 1 से लेकर 124 पहले ही प्रकाशित हो चुकी हैं | कथा संख्या 124,125,126 इस प्रकार हैं –
श्री नीम करोली बाबा जी के चमत्कार की कथाएं ( Shree Neem Karoli Baba Ji Ke Chamatkar Ki Kathayen) || कथा संख्या -125
श्री बाबा जी का बृहत् परिवार( Shree Neem Karoli Baba Ji Ke Chamatkar Ki Kathayen)
एक दिन की बात है लखनऊ मे श्री सूरज नारायण महरोत्रा का लड़का अपने मकान की ऊपर की मंजिल से नीचे गिर पड़ा और उसे अन्दरूनी गहरी चोटें आ गईं | सभी डाक्टर यथाशक्ति उनके लड़के का उपचार कर रहे थे पंरतु उसकी हालत बिगड़ती ही जा रही थी | श्रीमति महरोत्रा घबरा उठीं | उन्होंने श्री नीम करोली बाबा जी को याद किया | श्री नीम करोली बाबा जी उस समय चर्च लेन इलाहाबाद मे थे | श्री महाराज जी वहां से एकाएक उठ खड़े हुए और जाने लगे | घर वालों के बहुत कहने पर भी वे भोजन करने को तैयार नही हुए और बोले , ” हमारे लड़के की हालत बहुत खराब है हम खाना नही खायेंगे |”श्री बाबाजी महाराज अकेले ही बाहर निकल गये और उसी क्षण श्री बाबाजी लखनऊ मे महरोत्रा जी के निवास स्थान पर पहुंच गये और लड़के को अपनी गोद में लेकर बैठ गये | उन्होेंने वहां उपस्थित लोगों से दूध मांगा , कुछ दूध स्वयं पीकर शेष दूध उस लड़के को पिला दिया | लड़के की दशा मे परिवर्तन आने लगा और वह शीघ्र स्वस्थ हो गया | दुःखी भक्त की पुकार पर श्री बाबा जी उसी क्षण इलाहाबाद से लखनऊ पहुंच गये | यदि पुकार सच्ची है तो आप हर पल श्री बाबा जी को साथ खड़े पाएंगे |
श्री नीम करोली बाबा जी के चमत्कार की कथाएं ( Shree Neem Karoli Baba Ji Ke Chamatkar Ki Kathayen) || कथा संख्या -126
दयानिधान बाबा ( Shree Neem Karoli Baba Ji Ke Chamatkar Ki Kathayen)
मेडिकल डिपार्टमेन्ट का एक डाक्टर अपनी गलत करनी के कारण सस्पेन्ड हो गया | कोई उसके अच्छे कर्म थे कि श्री नीम करोली बाबाजी को उस पर कृपा करनी थी , सो पहुंच गये कुछ भक्तों को लेकर उस डाक्टर के घर के बाहर एक भक्त को भेज कर कहा ,” जाओ डॉक्टर से कहो की बाबा श्री नीब करौरी महाराज आये हैं|” श्री नीम करोली बाबा जी के कहने पर दरवाज़ा खुलवाकर भक्त ने डाक्टर को श्री नीम करोली बाबा जी का संदेश दिया | परन्तु अपने मद में मस्त और नौकरी से सस्पेन्ड होने के कारण डाक्टर गुस्से से बोला,” भाग जाओ |”
वह किसी श्री बाबा जी को नहीं जानते |”अब श्री नीम करोली बाबा जी ने दूसरे भक्त को भेजा , फिर तीसरे को , गुस्से से भरे डाक्टर ने असभ्यता दर्शाते हुए श्री नीम करोली बाबा जी को भाग जाने का आदेश भिजवा दिया | तब भी श्री बाबा जी वहीं खड़े रहे, अपने अपमान का परवाह न करते हुए एक भक्त को फिर यह कहलवाकर भेजा,” तुमको डॉक्टर डी. एन. शर्मा ने सस्पेन्ड कर दिया है और हम यहां तुम्हें बहाल कराने के लिए आये हैं|” अबकी बार वह डॉक्टर दौड़ता हुआ बाहर आया और अपने परिवार समेत श्री नीम करोली बाबा जी के चरणों में जा गिरा |
अब श्री बाबाजी ने डॉक्टर डी. एन. शर्मा को लखनऊ बुलाकर उसके समक्ष हर प्रकार से उस डाक्टर की पैरवी की और उसे शीघ्र बहाल कर दिया |
सभी भक्तों के पूछने पर की डाक्टर द्वारा इतना अपमान करने पर भी श्री नीम करोली बाबा जी ने उस पर कृपा क्यों की ? तो भक्तों को उत्तर मिला,”तुमने देखा नही उस डाक्टर के कितने बच्चे थे ? वह सिर्फ सस्पेन्ड ही नहीं होता बल्कि नौकरी से भी निकाल दिया जाता | तब उसके बच्चों का जिनका उसकी करनी में कोई हाथ नहीं था उनका क्या होता ?”
भक्त श्री नीम करोली बाबा जी के उस दयामयी रूप को देखकर भाव-विभोर हो गये |