महाशिवरात्रि (Mahashivratri) हिन्दू धर्म के मुख्य त्योहार के रुप मे मनाई जाती है इस शुभ दिन को मनाए जाने के एक नहीं कई कारण हैं | आइए जानते हैं महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के मनाए जाने वाले कारणों के बारे में –
1-महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन श्री शंकर भगवानजी का प्राकट्य दिवस
इस दिन श्री शंकर भगवान जी का जन्म श्री ब्रह्मा भगवान जी की भृकुटी से एक रोते हुए बालक के रूप में हुआ था इसलिए उनके इस अवतार को रुद्र अवतार कहा जाता है और यह दिन महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है |
2-महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन श्री शंकर भगवानजी और माता श्री पार्वती जी का विवाह दिवस
महाशिवरात्रि को श्री शंकर भगवान जी और श्री पार्वती माता जी के विवाह दिवस के रूप में भी मनाया जाता है |
3- महाशिवरात्रि (Mahashivratri)के दिन श्री शंकर भगवानजी का विषपान दिवस
इस दिन समुद्र मंथन के दौरान निकलने वाले विष को श्री शंकर भगवान ने अपने कंठ में धारण किया था इसलिए महाशिवरात्रि के शिव शंकर भगवान के विषपान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है |t
4-महाशिवरात्रि (Mahashivratri)के दिन श्री शिवलिंग का प्राकट्य दिवस
एक बार भगवान श्री विष्णु जी और भगवान श्री ब्रह्मा जी में कार्य शक्ति को लेकर विवाद हो गया उस विवाद से समस्त देवता व्याकुल हो गए फिर समस्त देवताओं ने श्री महादेव की प्रार्थना की |
तब देवताओं की प्रार्थना से प्रसन्न होकर भगवान श्री महादेव ने भगवान श्री ब्रह्मा और भगवान श्री विष्णु के विवाद स्थल के बीच में निराकार तथा आदि अंत रहित भीषण अग्नि स्तंभ के रूप में स्वयं का प्राकट्य किया यह अग्नि स्तंभ करोड़ों सूर्य के तेज से भी अधिक ज्योतिर्मय था|